ये भी क्या बात हुई

ये भी क्या बात हुई

यें भी क्या बात हुई, की वो बात नहीं करते 
पहले जैसी हमसे वो, मुलाक़ात नहीं करते 
 
ये उनकी बेरूख है, बेबसी या बेवफाई है 
ना जाने क्या बात है, क्यूँ बात नहीं करते
 
बेबसी में कभी बात, करनी गर पड़ भी जाए
उतनी बात करते है, अब हर बात नहीं करते
 
महफ़िल मे हमारा गर, उनसे सामना हो जाए
नज़रो से प्यार कि वो, अब बरसात नहीं करते 
 
तन्हाई में कभी वो, सामने से गुज़र जाएं
हिज़ाब उठाकर हमें वो, अब हैरात नही करते
 
पहले तो बात-बात पे, वो तकरार करते थे
खामोश रहते है वो, अब सवालात नहीं करते
 
छोटी सी जिंदगी हैं, मोहब्बत में गुज़ार दो
इस ज़िन्दगी को यू, ही खैरात नहीं करते
 
जहाँ ना हो कद्र कभी, किसी बात कि हमारी 
वहाँ हम अपने जज्बात, यू बरबाद नहीं करते
  
यें भी क्या बात हुई, की वो बात नहीं करते
बात करते भी हैं तो दिल से बात नहीं करते…

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *