Posted inDard Kavita नैना बरसत जाए Posted by Bhuppi Raja August 26, 2024No Comments नैना बरसत जाए हाएपिया घर न आए हाए… कल तक जो मेरा संगी थाआज दूर हो जाए हाए… इस सावन मैं ऐसे तड़पीजल बिन मछली माए हाए… जब से पिया परदेस गयो हैकोयो रंग न भाए हाए… दिल मेरा रब पत्थर कर देक्यों इस को धड़काए हाए… पल पल क्यों ऐसे लगता हैअब कुण्डी खड़काए हाए… दिल पागल कैसे समझाऊं…गया लौट न आए हाए… Visitors: 45 Post navigation Previous Post भुप्पी राजा दोहे भाग-२Next Postमुझे अपना जिस्म