अब आ भी जा फिर ना कभी जाने के लिए
तू ही बता क्या करूं मैं मनाने के लिए
ये मासूम सा दिल मेरा कितने सितम सहे
तुझे मैं ही मिला था यूँ सताने के लिए
अब ना बड़ा तू और मेरा दर्द-ए-ज़िगर
यहाँ लोग क्या कम थे दर्द बढ़ाने के लिए
और कितने इम्तिहानों से गुज़रना होगा
सारी उम्र पड़ी है आजमाने के लिए
हम सा दीवाना तुम्हें कहीं न मिलेगा
लोग तो बड़े मिलेंगे दिल लगाने के लिए
आँखों में रोके आँसू और नहीं रुकते
बहुत दर्द होता है इन्हें छुपाने के लिए
आओ अपने घर को हम मिलके सजाएं
उम्र लग जाती है घर बनाने के लिए
क्यूँ रोए तन्हाईयों में आप मेरे लिये
कौन रोता है यहाँ दीवाने के लिए
हम इतना मशहूर हो गए तेरे शहर में
गैर भी आने लगे समझाने के लिए
छोटी सी है ज़िन्दगी तुम हँसकर गुज़ार दे
शायद कल हम ही ना हो मनाने के लिए
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