Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) वक़्त हर वक़्त का Posted by Bhuppi Raja September 26, 2024No Comments वक़्त हर वक़्त का हिसाब माँगता हैतुम्हारे हर कर्म का जवाब माँगता है कितनी भी उल्फ़त करो वक़्त से मगरबिगड़ा वक़्त दर्द बेहिसाब माँगता है वक्त के फकीरों पे मत हँस रे बन्देफ़कीर सिर्फ रब का आदाब माँगता है कहाँ के तुम नवाब, कहाँ के हम सिकंदरबुरा वक़्त पैराहन भी उतार माँगता है कयामत की रात होगा सबका हिसाबखुदा भी कर्मो की किताब माँगता है हर वक़्त खुश रहने का यही है तरीका‘राजा’ दोस्ती तुम्हारी लाजवाब माँगता है Visitors: 32 Post navigation Previous Post अमर मंथनNext Postहर त्यौहार को अब