Posted inGhazal/Nazm तुम साथ हो Posted by Bhuppi Raja January 24, 2001No Comments तुम साथ हो तुम साथ हो तो लगता है बूँद भी बरसात हैसुबह सुहानी, शाम मस्तानी मदहोश हर रात है कल-तक तो ज़िन्दगी का हर लम्हा था भारीअब तो ये ज़िन्दगी आप ही की सौगात है इस सूने दिल में कभी इक सहरा था बस्ताअब तो जिधर देखिये उमड़ते जज़्बात है कशिश तो कशिश है, दोनों तरफ उठेगीगर ये मोहब्बत नहीं है तो और क्या बात है विरह के रात-दिन कभी काटे नहीं कटते थेअब तो हर रात हमारी इक सुहागरात है दूरियों के दर्द का सैलाब गुज़र गयाअब हम दो जिस्म ‘राजा’ इक जात हैG044 Post navigation Previous Post तुम ख़ुद कोNext Postतू सुकून है