Posted inKavita तू मुझ में नहीं Posted by Bhuppi Raja January 26, 2005No Comments तू मुझ में नहीं तू मुझ में नहीं तो किसमें हैतेरा रहमो-करमतो हर शख्स पे हैमैं भी तेरे जहाँ का इक हिस्सा हूँगर तू जर्रे-जर्रे में हैतो मुझमें भी है…K029 ग़ज़ल/ नज़्म दोहे कोट्स Post navigation Previous Post बड़ी मुश्किल सेNext Postबेटी की पुकार