रिश्ता और विश्वास, Best hindi poetry, best kavitayen in hindi, best shayari in hindi, love quotes, sayari in hindi, love shayari, inspirational quotes, sad shayari, positive good morning quotes, thought for the day, shayari dosti, romantic shayari, broken heart shayari hindi, beautiful lines, short positive quotes, inspiration of life quotes

रिश्ता और विश्वास

क्यों फैलाया रिश्तों का यह
झूठा आडंबर तुमने
अपने इर्द-गिर्द
जब तुम हर रिश्ते को
खोखला समझते हो
हर रिश्ते मैं सिर्फ
एक मर्द और औरत देखते हो
सब रिश्ते तुम्हारी नजर में
एक समान हैं
जिसमें एक मर्द होता है
और एक औरत
जो कभी भी
आदम और होवा
बन सकते हैं

 

मैं मानता हूँ
तुम्हारी सोच गलत नहीं है
क्यूँकि ये सामाजिक तिनकों से
घरोंदा हुई है
जिसने तुम्हारी सोच को
घर दिया है

 

मैं जानता हूँ
भली भांति जानता हूँ
कि हर रिश्ते में विश्वास होता है
और अगर वह अटूट नहीं है

तो उसे टूट जाना चाहिए
ज़िन्दगी को चार पहियों वाले
तख़्ते के ऊपर बैठकर
बिना टांगो वाले भिखारी कि भांति
कितनी दूर तक
घसीटा जा सकता है
कोई विश्वास की
भीख तो नहीं दे सकता

 

विश्वास!
एक भरा पूरा शब्द
जिसके बल पर पत्थर में भी
भगवान पाया जा सकता है
परंतु जब इसे
शक की दीमक लगती है
तो यह अंदर ही अंदर
खोखला हो जाता है
और खोखला विश्वास
हवा के इक झोंके से
तिनका-तिनका बिखर जाता है

 

यह जरूरी नहीं
की विश्वास रिश्तों के साथ ही बने
बिना रिश्तों के भी
विश्वास बन सकते हैं
कई बार तो
विश्वास की मजबूती
रिश्तों से बहुत ऊपर उठ जाती है
जहां से रिश्ते भी बोने लगने लगते हैं

 

परंतु बिना विश्वास के
रिश्तों को निभाना
एक लाश ढोने के समान है
जिसका अंतिम संस्कार
अवश्यम्भावि है
नहीं तो लाश बदबू देने लगेगी
और उस बदबू से
हम सब की साँसे घुट जाएंगी…

K014

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *