नींद से जागो

नींद से जागो तो कुछ ख़्वाब दिखाएं

देखो आसमां संग तो महताब दिखाएं

 

ये वो सफ़े हैं जो दूरियों से नहीं पढ़ते

थोड़ा क़रीब आओ तो किताब दिखाएं

 

ये बेरहम बस्तियां हम पल मे डुबो देगें

एक आँसू गर बहाओ तो सैलाब दिखाएं

 

चिनाब में डूबने का हुनर रखते हैं

कच्चा घड़ा तो लाओ की सोहराब दिखाएं

 

अपनी परछायी आइने में ढूंढ़ लेते हैं

आँखों मे समा जाओ की आफ़ताब दिखाएं

 

यहाँ-वहाँ कि बातें क्या तुम करते हो

सवाल सीधा पूछो तो जवाब दिखाएं

 

ज़मी-आसमां रोशनारा हो जाएंगे

हिज़ाब मुख से हटाओ तो शबाब दिखाएं

 

कितना चाहते हम तुम्हे दिखला देंगे

एक बार हमसे कहो तो जनाब दिखाएं

 

*सफ़े- पंक्ति अवली कतार रेखा लकीर लंबी चटाई

*आफ़ताब- सूरज सूर्य। कड़ी धूप।

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