कौन कहता है की वो प्यार नहीं करते
प्यार तो करते हैं इज़हार नहीं करते
जानते हैं हम की वो भी हमें चाहते हैं
बस प्यार जताकर बेक़रार नहीं करते
इश्क़ का हमारे जो भी नतीजा निकले
इश्क़ मै इम्तिहाँ की परवाह नहीं करते
बहुत सपने सहेजे हैं हमने संभाल से
मगर हम सपनों का व्यापार नहीं करते
इश्क़ मुकम्मल नहीं गर डूबना ना आया
दरिया इश्क़ का तैरकर पार नहीं करते
रोज़ कहते हो तुम की कल मिलेंगे
हम इतना भी इंतजार नहीं करते
जानते हैं हम कि अपने ही दगा देते है
फिर भी अनजानों पे एतबार नहीं करते
तुमसे है मुहब्बत मेरा एतबार करो
रब की इनायत है ये इन्कार नहीं करते
कितना भी करले सितम ये ज़माना
नाम लेकर तुझको शर्मसार नहीं करते
अजब सिलसिला है यारो मेरी आशिकी का
प्यार तो करते हैं वो सरे बाजार नहीं करते
अब तो कर दो इज़हार-ए मोहब्बत
आशिक बारिशों का इन्तज़ार नहीं करते
हम भी बन सकते थे दुनियां के ‘राजा’
मगर हम बेगुनाहों पर वार नहीं करते
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