जब कभी तेरा नाम

जब कभी तेरा नाम

जब कभी तेरा नाम लेता हूँ

अश्क़ आँखों में थाम लेता हूँ

 

जब कभी तेरी याद आती है

हवाओं से तेरा पयाम लेता

 

मेरी आवाज़ तुम तक पहुँचे

हर घूँट पे तेरा नाम लेता हूँ

 

तुझे याद कर के तन्हाइयों में

मैं फिर जाम बेहिसाब लेता हूँ

 

गर कभी पास से गुज़र जाओ

आँखों-आँखों में सलाम लेता हूँ

 

जब तुझे दिल की बात कहनी हो

दिल से ही ज़ुबाँ का काम लेता हूँ

 

तू मेरा हमसफ़र है या हमसाया

मैं तेरा हर एहतराम लेता हूँ

 

कोई ख़ौफ़ ही नहीं है मुझको

तेरा नाम सरेआम लेता हूँ

 

भूल कर भी तुझे भुला न सकूँ

तेरी कसम सुबह-शाम लेता हूँ

 

अब और नहीं, बस लौट आ जाओ

मैं अपने सर सब इल्ज़ाम लेता हूँ

 

तू ‘राजा’ के ख़यालों में रहती है

बिना तेरे कहाँ साँस लेता हूँ

G026

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