अभी तुम्हारी जिन्दगी में साज़ नहीं
अभी तुम्हारे गले में आवाज नहीं
हम तुम्हें कहीं ना नज़र आएंगे
हम तुम्हें कभी ना मिल पायेंगे
ढूंढा करोगे तुम हमें
आसमानी परिंदों में
ढूंढ लोगे जिस दिन तुम खुदको
आवाज दोगे रूह से रूह को
हम तुम्हें तुम मे ही मिल जायेंगे
हम तुम्हें हर तरफ नज़र आयेंगे
वरना ढूंढा करोगे तुम हमें
आसमानी परिंदों में…
जब तुम्हारे सीने मे दर्द आये
तब मुझे याद करना
जब तुम्हारी आँख भर आये
तब मुझे याद करना
जब तुम्हें कोई अपना ठुकराये
तब मुझे याद करना
जब गम हरदम सताये
तब मुझे याद करना
जब आईना तुम्हे रुलाये
तब मुझे याद करना
जब कोई रास्ता नजर ना आए
तब मुझे याद करना
जब कबीर आवाज लगाएं
तब मुझे याद करना
वरना न करना याद मुझे
दुनिया वालों की तरह
ना देना आवाज मुझे
यूँ ही इस तरह
हम तुम्हें कहीं ना नजर आएंगे
हम तुम्हें कभी ना मिल पाएंगे
वरना ढूंढा करोगे तुम हमें
आसमानी परिंदों में
ढूंढ लोगे जिस दिन तुम खुद को
आवाज दोगे रूह से रूह को
समझने लगोगे दूसरे के दर्द को
याद करना उस दिन मुझे
आवाज देना उस दिन मुझे
हम तुम्हें तुम मे ही मिल जाएंगे
हम तुम्हें हर तरफ नजर आएंगे
वरना न करना याद मुझे
ना देना आवाज मुझे
कभी भी…
कहीं भी…