तू मुझ में नहीं

तू मुझ में नहीं

तू मुझ में नहीं तो किसमें है
तेरा रहमो-करम
तो हर शख्स पे है
मैं भी तेरे जहाँ का इक हिस्सा हूँ
गर तू जर्रे-जर्रे में है
तो मुझमें भी है…

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