कैसे यक़ीन करूँ मैं तेरी बेगुनाही में
बहुत धोखे खाये हैं हमने आशनाई में
तुम्हारा हर गुनाह मैं अपने नाम ले लूं
यही तो कहते रहे तुम मेरी रिहाई में
काटता हूँ सजा मैं तेरे हर गुनाह की
होता नहीं दर्द तुझे मेरी बेगुनाही में
करके भी कत्ल तुम तो साफ बच निकलते हो
मिटाते हो तुम सब सबूत बडी सफाई में
चाहे कुबेर बनालो बेगुनाहों के खून से
कभी बरकत होती नहीं ऐसी कमाई में
इतने गुनाह करके भी मासूम दिखते हो
कैसे जी लेते हो तुम इतनी बेहयाई में
मिलता है सिला सबको किए कर्मो का
ताकत बहुत है उस रब की ख़ुदाई में
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