Posted inNazm तुम साथ हो Posted by Bhuppi Raja January 3, 2025No Comments गर हो तुम साथ बूँद भी बरसात हैसुबह सुहानी शाम मस्तानी मदहोश हर रात है कल-तक तो ज़िन्दगी का हर लम्हा था भारीआज ये ज़िन्दगी आप की ही सौगात है कभी सूने दिल में इक सहरा था बसताअब तो जिधर देखिये उमड़ते जज़्बात हैं कशिश तो कशिश है दोनों तरफ उठेगीये मोहब्बत नहीं तो फिर और क्या बात है विरह के रात-दिन काटे नहीं थे कटतेअब तो हर रात हमारी सुहागरात है *विरह- वियोग। अभाव।G044 Visitors: 12 Post navigation Previous Post तुम ख़ुद कोNext Postरुठा है यार मेरा