जब कभी तेरा नाम

जब कभी तेरा नाम

जब कभी तेरा नाम लेता हूँ

अश्क़ आँखों में थाम लेता हूँ

 

जब कभी तेरी याद आती है  

हवाओं से तेरा पयाम लेता हूँ

 

मेरी आवाज़ तुम्हीं तक पहुंचे

हर घूँट पे तेरा नाम लेता हूँ

 

तुझे याद कर के तन्हाइयों में

मैं तो बेहिसाब जाम लेता हूँ

 

गर कभी पास से गुज़र जाओ

आँखों-आँखों में सलाम लेता हूँ

 

जब कभी तुमसे बात करनी हो

दिल से ज़ुबाँ का ही काम लेता हूँ

 

तू मेरा हमसफर है या हमसाया

तेरा हर एहतराम लेता हूँ

 

कोई ख़ौफ़ ही नहीं है अब मुझको

तेरा नाम अब सरेआम लेता हूँ

 

भूल कर भी तुझे भुला न सकूँ

यह कसम सुबह-शाम लेता हूँ

 

बस और नहीं अब लौट आओ तुम

सर अपने सब इल्ज़ाम लेता हूँ

 

तू तो ख़यालों में है साथ मेरे

बिना तेरे कहां साँस लेता हूँ

 

**पयाम- संदेश या खबर पहुँचना।

**हमसाया- पड़ोसी।

**एहतराम- आदर करना

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