Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) दया धर्म का मूल है-1 दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए,जिस मन करुणा नहीं, निरा ठूठ रह जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) दया धर्म का मूल है-2 दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए,जिस मन करुणा भही, धर्मवान बन जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) राग-द्वेष भय एक है राग-द्वेष भय एक है, सब जग लेयो फसाएसमता मन कीजिये, जीवन सरल हो जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) अंदर तेरे राम है अंदर तेरे राम है, तुझको नजर ना आएमन की गांठे खोल दे, जग रोशन हो जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) बाहर अंदर एक है बाहर अंदर एक है, जान सके तो जानकण-कण मे जब रब दिखे, होए बौद्ध ज्ञान…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) मैं मैं करता जग मुआ मैं मैं करता जग मुआ, मैं ना जाणयो कोएजब मैं जानत भयो, जगत तमाशा होए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) कर्म कांड बहुतो किये कर्म कांड बहुतो किये, कोइनो काम ना आएमन की गांठे खोल दे, धर्म मार्ग मिल जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) तिनका तिनका जोड़ के तिनका तिनका जोड़ के गठरिया कई बनाईसभी छोड़ के चल दिये, जीवन व्यर्थ गवाई…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) चंचल मन बालक भयो चंचल मन बालक भयो, बहुतो नाच नचाएजब मन समता भही, अटल ध्रुव हो जाए…
Posted inImage Shayari दोहे (भाग-1) जो कल था अब है नहीं जो कल था अब है नहीं, जो अब है कल नाहींसब जग नश्वर भयो, चिंता करे तू काही…